जीएमएस सर्वे के बाद राजधानी में छह लाख से अधिक भवन स्वामी सामने आया। इनमें से करीब एक लाख से ज्यादा भवन स्वामी ऐसे हैं, टैक्स असेसमेंट तक नहीं हुआ है। निगम प्रशासन का प्रयास यही है कि सभी भवन स्वामियों को असेसमेंट के बाद टैक्स के दस्तावेजों में लाया जाए।