द्वारा: Inextlive | अद्यतन तिथि: बुध, 21 जून 2023 23:21:58 (IST)
लखनऊ (ब्यूरो)। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के अभियान ‘सेव गोमती’ का असर देखने को मिला है। एक तरफ जहां जिम्मेदार समूह की ओर से गोमा को स्वच्छ करने की कवायद शुरू कर दी है, वहीं दूसरी तरफ गोमती सफाई से समझौता ने भी समझौता किया है कि रविवार को गोमती के घाटों पर सफाई अभियान चलेगा साथ ही जनता को भी गोमती सफाई के प्रति सचेत किया जाएगा।
सील कर दी गई
गोमती के एक बड़े हिस्से को कवर कर चुकी जलकुंभी को हटाने के लिए ट्रेस एजेंटर मशीन फट गई है साथ ही नाव पर सवार कर्मचारी भी जलकुंभी हटा रहे हैं। इस कवायद का असर भी दिख रहा है। बुधवार को गोमती खास साफ साफ नजर आई। अगर दो से तीन दिन तक लगातार सफाई अभियान चलेगा तो साफ है कि गोमा को जलकुंभी के ग्रहण से मुक्ति मिल जाएगी।
यह उठाया था
वर्तमान समय में गोमती की स्थिति अत्यंत कठोर है। हर तरफ जलकुंभी नजर आने के साथ ही घाटों पर भी गंदगी का ग्रहण आ रहा है। इस मुद्दे को लेकर ही दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से ‘सेव गोमती’ अभियान चलाया गया, जिसके माध्यम से गोमती की बदहाल स्थिति को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। इसके बाद नगर निगम ने ट्रेसेज़र मशीन से ज़ुलेलाल घाट से कुशन कुरेल तक गोमती नदी से जलकुंभी और कूड़ा कचरा निकाला है। इस सफाई से गोमती सबसे पहले कुछ साफ नजर आ रही है। हालांकि, अभी भी कई जगहों पर सफाई बाकी है। जिम्मेदारों की माने तो चरणबद्ध तरीके से गोमती की सफाई की जाएगी।
पानी के स्तर में सुधार
शहर में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से भी गोमती में पानी पहले से ज्यादा नजर आ रहा है। मंगलवार को दोपहर से लेकर बुधवार को भी मध्यम से तेज बारिश हुई है। इस बारिश के बाद गोमती के जलस्तर में सुधार देखने को मिल रहा है। इसके अलावा नदी में फ्लो भी नजर आ रहा है। दरअसल, गोमती प्रहरियों ने भी बारिश से पहले गोमती की सफाई की सलाह दी थी, जिससे फ्लोट और गंदगी साफ हो जाए। अगर लगातार इसी तरह बारिश होती है तो साफ है कि गोमती का पानी और स्वच्छ होने के साथ ही जलकुंभी की समस्या भी दूर हो जाएगी।
हम भी जिम्मेदारी निभाएंगे
गोमती को ‘डेड रिवर’ बनने की दिशा में शहरी निवासियों की भी बड़ी भूमिका है। सरकारी महकमे गोमती सफाई को लेकर कभी भ्रामक जाग ही जाते हैं, लेकिन आम लोग नदी को बिल्कुल नाले की तरह ट्रीट करने लगते हैं। अपने घर की गंदगी, खराब कपड़े, प्लास्टिक की टिप्पणियां वगैरह सब कुछ डाल देते हैं। ऐसे में आम लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। कोशिश करेंगे कि अपने स्तर से किसी भी तरह की गंदगी को गोमती तक न जाने दें। साथ ही और लोगों को भी सचेत करना चाहिए।
डस्टबिन भी लगवाए जाएंगे
निगम प्रशासन की ओर से यह भी योजना बनाई जा रही है कि गोमती के घाटों और गोमती पुल पर किनारे-किनारे सुखाएं और पोंछे के लिए अलग-अलग डस्टबिन भी लगवाए जाएं, जिससे जनता गोमती के रोजगार डस्टबिन में वेस्टिंग। पहले भी नगर निगम ने डस्टबिन लगवाए थे, लेकिन वो चोरी हो गए थे। इसके बाद अब नए दशकों से योजना बनाई जा रही है।