द्वारा: Inextlive | अद्यतन तिथि: बुध, 14 जून 2023 22:27:14 (आईएसटी)
लखनऊ (ब्यूरो)। पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी का प्रकोप बढ़ने से बिजली का ब्रेकडाउन बिना समाधान के 1912 पर समस्या का निस्तारण और कुछ अभिदाताओं द्वारा टेलीफोन न उठाने के मामले की ग्रेट्रेटी पर उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने पावर कारपोरेशन के निदेशक निदेशक कमर्शियल से और जरूरी निर्देश की मांग उठाई।
अभियोगी फोन नहीं कर रहा है
बिजली के दायरे में प्रदेश के कई क्षेत्रों में लोक ब्रेकडाउन के कारण बिजली आपूर्ति प्रमाणपत्र नहीं हो पा रहा है और उससे बड़ी समस्या यह है कि जब उपभोक्ता संबंधित क्षेत्रीय अभिदाताओं को ब्रेकडाउन की जानकारी लेने के लिए फोन करते हैं तो कई क्षेत्रों से यह ठेका आ रहा है कि कुछ अभियोक्ताओं द्वारा फोन नहीं दिया जाता है। वहीं दूसरी तरफ, उपभोक्ता जब अपनी शिकायत को 1912 पर फोन करके देता है तो वहां किसी भी समस्या की समस्या का समाधान किए बिना ही उसे संदेश प्राप्त होता है कि आपकी समस्या को दूर कर दिया गया है।
दो घंटे का मानक
उपभोक्ता परिषद ने अपनी तहकीकात की तो पता चला एलटी व 11केवी की संभावनाएं हर हाल में अनिवार्य रूप से 2 घंटे में मानक बनाने का है। बाद में उसे ‘बियांड टाइम’ में डाल दिया गया, फिर कार्रवाई शुरू हो गई। उससे मिलने के लिए कई क्षेत्रों में अभियोक्ता बिना किसी शिकायत का निस्तारण किए उसे निस्तारित होना दिखा रहे हैं, जिससे पूरे प्रदेश की उपभोक्ताओं में रोष है।
शिकायत दूर हो, तभी निस्तारित प्रदर्शित होती है
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी शिकायत पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार व निदेशक कॉमरेड अमित कुमार श्रीवास्तव से की। उन्होंने कहा कि प्रमुख कंपनियाँ यह सुनिश्चित करती हैं कि जब तक ग्राहकों की समस्या का समाधान नहीं हो जाता, तब तक 1912 में निस्तारित न प्रदर्शित हों। सही मायने में शिकायत का निस्तारण होने के बाद ही उपभोक्ता को निस्तारण का संदेश भेजा जाए। ब्रेकडाउन की स्थिति की जानकारी को प्राप्त करने वाले उनके कानूनी अधिकार हैं। ऐसे सभी अभियोगी टेलीफोन से उन्हें जवाब दें। इसके लिए भी बिजली कंपनियाँ अपने स्तर से अभियोक्ताओं को निर्देश देती हैं कि वह सभी ग्राहकों को फ़ोन पर जवाब अवश्य दें, जिससे ग्राहक को परेशानी न हो।