द्वारा: Inextlive | अद्यतन तिथि: मंगल, 18 अप्रैल 2023 23:12:33 (आईएसटी)
लखनऊ (ब्यूरो)। मौसम में बदलाव के साथ गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। सीज़न का पारा 40 डिग्री के पार बन गया है। गर्मी बढ़ने के साथ तमाम तरह की बीमारियों का खतरा भी बना रहता है। ऐसे मौसम में डायरिया, डिहाइड्रेशन, स्किन प्राब्लम समेत कई अन्य तरह की बीमारियां काफी आम हो जाती हैं। एक्सपेट्र्स का कहना है कि गर्मी में पानी की कमी, डैमेज से कई तरह की बीमारियां होती हैं।
बच्चों में डायरिया की समस्या
केजीएमयू पीडियाट्रिक विभाग के एचओडी प्रो। शैली अवस्थी के अनुसार, गर्मी बढ़ने के साथ बच्चों में कई तरह की बीमारियां होती हैं, रोजगार पर डायरिया, जुकाम-खांसी आम हो जाता है। इसकी बड़ी वजह होती है ठंडा-गर्म खाने को, क्षतिग्रस्त पानी वाली गली, पुराना और बासी खाना दे देना। इस बार ऐसे मामले काफी ज्यादा वायरल हो रहे हैं। वहीं, सिविल अस्पताल में पीडियाट्रिशियन डॉ। आप पांडे के मुताबिक, इस समय सर्दी जुकाम और बुखार की समस्या वाले बच्चे सबसे ज्यादा आ रहे हैं। करीब 90 प्रतिशत बच्चों में यह समस्या देखने को मिल रही है। वहीं, गर्मी की वजह से डायरिया और डिहाइड्रेशन की समस्या भी बढ़ जाती है। ऐसे में बच्चों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
आग लगने का खतरा सबसे अधिक होता है
केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के डॉ। डी हिमांशु के अनुसार, गर्मी में शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे डिहाइड्रेशन, कमजोरी, थकान, बुखार, बीपी की समस्या हो सकती है। वहीं, गर्मी की शिकायत सबसे ज्यादा बढ़ती जा रही है। क्षतिग्रस्त पानी से डायरिया, गंभीर होने का खतरा बढ़ जाता है। बचाव के लिए स्वच्छ व स्वच्छ जल पीएं, लगातार जल पीएं। इसके अलावा शिंजी, छाछ, लस्सी, फिक्स जूस आदि का भी सेवन करते रहें, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। पानी की कमी से कई जीवाणु एक साथ होते हैं। ऐसे में कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लें। अपनी मर्जी से कोई दवा न लें, क्योंकि इससे बड़ा बदलाव हो सकता है।
त्वचा में कमी होती है
बलरामपुर अस्पताल के सीनियर स्किन स्पेशलिस्ट डॉक्टर। उस्मान के अनुसार, गर्मी की वजह से त्वचा में होने वाली दरारें कम होने लगती हैं, जिसकी वजह से खुजली होने लगती है। ऐसी समस्या वाले 10-15 रोगी रोज़ाना शुरू हो जाते हैं। जैसे-जैसे गर्मी और विशिष्टता यह समस्या बढ़ती हुई सोच। वहीं, इस समय टीनिया, स्केबीज, डर्मेटाइटिस आदि बीमारी जैसी समस्या वाले 80 प्रतिशत मरीज आ रहे हैं। वहीं, बचाव के लिए पूरे हाथ के कपड़े, अंगोछाव व गुजराती प्राप्त करें, मॉइश्चराइजर लगायें या ग्लिसरीन और गुलाब का काम मिक्स करके लगाएं। बाहर जाएं तो सनस्क्रीन।
ऐसे करें
-बच्चों को सुबह शाम के कपड़े पहनें
-पानी ब्रि पीएं
-ओरेस का घोल पीएं
-ताजा बना खाना दें
-शिकंजी, छाछ, नियमित जंगल का जूस लें
-बच्चों को लू में निकालने से बचें
-समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लें
-पूरी हाथ के कपड़े
-गमछाया या स्नैपशॉट ओढ़कर धूप में निकल जाते हैं