राजधानी के सरकारी निजीकरण में जाने वाले बस्ती के लिए एक अच्छी खबर है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मरीजों के लिए सरकारी निजीकरण में तीन माह की ट्रेनिंग अनिवार्य कर दी है। इसके तहत राजधानी के सिविल और गाजियाबाद अस्पतालों में इन डॉक्टरों की ड्यूटी लगेगी। इसमें डॉक्टरों की कमी के कारण आ रही समस्याएं भी काफी हद तक कम हो गई हैं।