कानपुर : विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट/अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (न्यायालय संख्या: 23), कानपुर नगर ने मंगलवार को चार भाइयों को नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर भगाने, अपहरण करने और उसका शारीरिक शोषण करने का दोषी करार देते हुए प्रत्येक को 11-11 हजार रुपये के जुर्माने के साथ 20 साल के कठोर कारावास की सजा दी. .
सजा पाए आरोपियों की पहचान अनुपम उर्फ गोलू, आदेश उर्फ भोले, अभिषेक व शुभम निवासी बरुआ बाजार, शाहाबाद, थाना शाहाबाद, हरदोई के रूप में हुई है. पीठासीन न्यायाधीश ने अपने आदेश में यह भी कहा कि यदि अभियुक्त ने जेल में कोई अवधि पूरी की है, तो उस अवधि को सजा में समायोजित किया जाएगा। इस आदेश की प्रति जिलाधिकारी कानपुर को भेजी जाए कि पीड़िता को उसकी मानसिक पीड़ा एवं शारीरिक पीड़ा के लिए हर्जाने के रूप में 44,000 रुपये की राशि प्रदान की जाए।
न्यायिक अधिकारी ने सबूत के अभाव में सह आरोपी अनंत राम त्रिवेदी और उनकी पत्नी कुसमा देवी को बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ अपना मामला साबित करने में विफल रहा था।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील, सुशील कुमार वर्मा के अनुसार, शिकायतकर्ता योगेंद्र कुमार ने 24 जुलाई, 2014 को कल्याणपुर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की थी और आरोप लगाया था कि अनुपम उर्फ गोलू, आदेश उर्फ भोले, अभिषेक और शुभम, सभी उनके रिश्तेदार अनंत राम त्रिवेदी के बेटे हैं। 2 जून 2014 को सुबह करीब 9 बजे उनके घर गया और कहा कि वे शाम को वापस लौटेंगे।
शाम को शिकायतकर्ता वापस लौटा और पाया कि उसकी छोटी बेटी गायब थी और पूछताछ करने पर उसकी पत्नी ने उसे बताया कि अनुपम उर्फ गोलू, आदेश उर्फ भोले, अभिषेक और शुभम ने शाम को बहला फुसलाकर उसका अपहरण कर लिया और शाहाबाद के लिए निकल गए। वह तुरंत शाहाबाद पहुंचे और अनंत राम से मिले और उन्हें अपने बेटों के कृत्य की जानकारी दी।
अनंत राम और उनके बेटों ने जवाब दिया कि उनकी बेटी उनकी हिरासत में है और वह सुरक्षित है लेकिन वे उसे उसे नहीं सौंपेंगे। जब उसने जोर दिया तो उन्होंने न केवल गाली दी बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि आरोपी, जो उसके रिश्ते में भाई थे, ने उसे अपने साथ चलने के लिए कहा क्योंकि वे एक मंदिर जा रहे थे।
बीच रास्ते में वे उसका जबरदस्ती अपहरण कर शाहाबाद ले गए और वहां न केवल उसे प्रताड़ित किया, बल्कि उसका बार-बार शारीरिक शोषण भी किया। उसका मुंह बंद करने के लिए, वे अक्सर उसे कुछ दवाओं के इंजेक्शन लगाते थे। बाद में पुलिस ने उसे बरामद कर लिया।
सजा पाए आरोपियों की पहचान अनुपम उर्फ गोलू, आदेश उर्फ भोले, अभिषेक व शुभम निवासी बरुआ बाजार, शाहाबाद, थाना शाहाबाद, हरदोई के रूप में हुई है. पीठासीन न्यायाधीश ने अपने आदेश में यह भी कहा कि यदि अभियुक्त ने जेल में कोई अवधि पूरी की है, तो उस अवधि को सजा में समायोजित किया जाएगा। इस आदेश की प्रति जिलाधिकारी कानपुर को भेजी जाए कि पीड़िता को उसकी मानसिक पीड़ा एवं शारीरिक पीड़ा के लिए हर्जाने के रूप में 44,000 रुपये की राशि प्रदान की जाए।
न्यायिक अधिकारी ने सबूत के अभाव में सह आरोपी अनंत राम त्रिवेदी और उनकी पत्नी कुसमा देवी को बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ अपना मामला साबित करने में विफल रहा था।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील, सुशील कुमार वर्मा के अनुसार, शिकायतकर्ता योगेंद्र कुमार ने 24 जुलाई, 2014 को कल्याणपुर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की थी और आरोप लगाया था कि अनुपम उर्फ गोलू, आदेश उर्फ भोले, अभिषेक और शुभम, सभी उनके रिश्तेदार अनंत राम त्रिवेदी के बेटे हैं। 2 जून 2014 को सुबह करीब 9 बजे उनके घर गया और कहा कि वे शाम को वापस लौटेंगे।
शाम को शिकायतकर्ता वापस लौटा और पाया कि उसकी छोटी बेटी गायब थी और पूछताछ करने पर उसकी पत्नी ने उसे बताया कि अनुपम उर्फ गोलू, आदेश उर्फ भोले, अभिषेक और शुभम ने शाम को बहला फुसलाकर उसका अपहरण कर लिया और शाहाबाद के लिए निकल गए। वह तुरंत शाहाबाद पहुंचे और अनंत राम से मिले और उन्हें अपने बेटों के कृत्य की जानकारी दी।
अनंत राम और उनके बेटों ने जवाब दिया कि उनकी बेटी उनकी हिरासत में है और वह सुरक्षित है लेकिन वे उसे उसे नहीं सौंपेंगे। जब उसने जोर दिया तो उन्होंने न केवल गाली दी बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी। पीड़िता ने अपने बयान में कहा था कि आरोपी, जो उसके रिश्ते में भाई थे, ने उसे अपने साथ चलने के लिए कहा क्योंकि वे एक मंदिर जा रहे थे।
बीच रास्ते में वे उसका जबरदस्ती अपहरण कर शाहाबाद ले गए और वहां न केवल उसे प्रताड़ित किया, बल्कि उसका बार-बार शारीरिक शोषण भी किया। उसका मुंह बंद करने के लिए, वे अक्सर उसे कुछ दवाओं के इंजेक्शन लगाते थे। बाद में पुलिस ने उसे बरामद कर लिया।