
द्वारा: इनएक्सटलाइव | अद्यतन तिथि: मंगलवार, 27 जून 2023 23:10:33 (IST)
लखनऊ (ब्यूरो)। बिजली मित्र पोर्टल की सहायता से अब तक लगभग 2800 बिजली चोरी के मामले पकड़े गए हैं। बिजली चोरी करने वालों के साथ ही सुपरमार्केट भी चलाये गये। इनमें से कई एपिसोड बड़ी चोरियों के भी हैं। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने 1 मई 2023 को बिजली मित्र लिंक की शुरुआत की थी, जिसका बेहतर रिस्पांस सामने आ रहा है।
51 किलोवॉट की चोरी चोरी हो गई
लखनऊ में एक गेस्ट हाउस में 51 किलोवाट की चोरी हो गई। इसी तरह अलीगंज में 26 किलोवाट की चोरी हो गई। फर्रुखाबाद में 23 किलोवाट, एटा में 17 किलोवाट और लैपटॉप में 15 किलोवाट की बड़ी चोरी बिजली मित्र के माध्यम से चोरी हो गई है। उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने बताया कि कंपनी की सहायक कंपनी एवेण्ड इलेक्ट्रिक चोरी रोक में सहायता मिल रही है। राष्ट्रपति ने जनता से अपील की है कि बिजली चोरी पर रोक लगाने के लिए प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को बेहतर बनाया जाए, कार्पोरेधन के इस प्रयास में शामिल जानकारी के साथ ही चोरी किए जा रहे क्षेत्र की सही जानकारी दी जाए।
बिना पहचान के नामांकन कर सकते हैं याचिका
अध्यक्ष एम. देवराज ने बताया कि अभी तक यूपी पावर कारपोरेशन की वेबसाइट पर लिंक और चैट बोट पर इलेक्ट्रिकल बैटरी से लेकर रेडियोधर्मिता की जानकारी उपलब्ध थी, लेकिन इसमें कंप्यूटर का नाम, मोबाइल नंबर, डिस्कैम का नाम और सबस्टेशन की जानकारी ली गई थी। इसके कारण लोग शिकायत करने में गंभीर महसूस कर रहे थे। कंपनियों की इन फाइलों को दूर करने और उनके स्वामित्व वाले स्वामित्व वाली बिजली चोरी का पता लगाने के लिए यह पोर्टल बनाया गया है। शिकायत के लिए आवेदनकर्ता को अपना नाम, मोबाइल नंबर, खाता नंबर एवं पता बताने की आवश्यकता नहीं है।