द्वारा: इनएक्सटलाइव | अद्यतन दिनांक: सोम, 26 जून 2023 23:02:35 (IST)
लखनऊ (ब्यूरो)। शहर के बीरबल साहनी पुरा विज्ञान संस्थान-बीएसआईपी जियो हेरिटेज को प्रोमोट करने की पहली बार जा रहा है। इस पहल के तहत संस्थान में सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ जियो हेरिटेज एंड जियोटूरिज्म को खाली कराया जा रहा है। इस केंद्र के माध्यम से संस्थान देश की सभी जियो हेरिटेज साइट का कंजर्वेशन, डिवेलपमेंट, प्रमोशन का काम कर रहा है। आईपीबीएस में यह सेंटर बनकर तैयार हो चुका है, 28 जून को इस सेंटर का उद्घाटन होगा। संस्थान के सिद्धांत का कहना है कि इस सेंटर के यूनेस्को में जो जियोलॉजिकल साइट्स बेकार हुई हैं, उनमें एक सेंटर मिल है। इन साइट्स को संरक्षित करने से लेकर इन साइट्स तक पहुंचने का काम आसानी से किया जा सकता है।
जियोलॉजिकल विरासत का संरक्षण जरूरी है
बीएसआईपी के मीडिया प्रवक्ता ने बताया कि यह केंद्र बीएसआईपी के निदेशक डॉ. वन्दन प्रसाद का इनीशिएटिव है। बीएसआईपी के साथ द सोसाइटी ऑफ अर्थ सेंटिस्ट के परामर्शदाता डॉ. क्लास ट्रायल भी सहयोग कर रहे हैं। बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान के बारे में बात करें तो यह हमेशा जियोसाइट्स को लेकर सतर्कता और सक्रियता बनाए रखता है। ऐसे में इस तरह के सेंटर से जियो हेरिटेज को विजिट किया जा सकता है। जिओहेरिटेज यह नॉन रिन्यूएबल नाइचुरल रिसोर्सेज है, इसलिए यह भी जरूरी है कि जो लोग नाइचुरल फैक्टर्स से प्रभावित होते हैं। जियोकंवर्जन इसलिए जरूरी है क्योंकि ये लोग नाइचुरल सिस्टम और जियोलॉजिकल कंपोनेंट के प्रति जागरूक हैं। इसके अलावा वैज्ञानिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक उपयोग भी किया जा सकता है। जैसे ग्लोबल जियोपार्क्स, जियोटूरिज्म।
यह होगा सेंटर का काम
केंद्र राज्य के सामने इन जियोहेरिटेज साइट्स का विकासात्मक प्रस्ताव तैयार करना। साथ ही चुनिंदा इनहाउस टेलीकॉम पर काम करना। राज्य वैयक्तिक शिक्षण संस्थान से परामर्श परामर्श लेना। जियोहेरिटेज साइट्स का नेशनल डोजियर, ब्रॉशर, शॉर्ट मूवीज, युवा छात्रों और छात्रों का व्याख्यान करने का काम। भूविज्ञान भूगोल एवं पर्यटन क्षेत्र में अल्ट्रासाउंड को बढ़ावा। 48 देशों में 195 वैश्विक जियोपार्क हैं। देश में एक भी युजीजी नहीं है। देश में 40 आकर्षण विश्व धरोहर स्थल हैं।