द्वारा: Inextlive | अद्यतन तिथि: मंगल, 02 मई 2023 23:32:10 (आईएसटी)
लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने क्षेत्र के इतिहास पर नज़र रखें। पुलिस ऐसे क्रिमिनल्स की हिस्ट्री खोलती है जो कई फॉर्म में रजिस्टर हो रहे हैं और पुलिस ने अपने मुट्ठी के खातों में दर्ज कर रखा हो। पुलिस किसका भी अपराधी का इतिहास खोलने से पहले उसकी आपराधिक स्थिति की पुष्टि करती है। जिन पर दो या इससे अधिक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए गए हैं। इसमें ज्यादातर वे शामिल होते हैं जो महिला से संबंधित अपराध, लूट, हत्या, चोरी, स्नेचिंग सहित अन्य मामलों में शामिल रहते हैं। पुलिस अपनी वर्तमान आपराधिक स्थिति की पुष्टि करती है और उनका नाम पर इतिहास सीमित है।
अपराधियों का पूरा चक्कर
जब एक अपराधी बार-बार आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है। इस स्थिति में एस एस विवरण डीसीपी को रिपोर्ट भेजकर उनके आदेश पर दस्तावेजों के इतिहास को सीमित कर दिया जाता है। इतिहास में अपराधियों की पूरी रस्सी होती है।
इसलिए लोग शिकायत से बयान कर रहे हैं
इसके अलावा संगठित गैंग चलाने वाले, जबरन हड़पने वाले, बेहद शातिर लोग किसी दिन शिकायत करने में शामिल होते हैं, उन पर भी पुलिस की नजर रखी जाती है। पुलिस कंट्रोल रूम में कॉल और डेली डायरी एंट्री के आधार पर ऐसे व्यक्तियों का इतिहास सीमित किया जा सकता है।
हमेशा रहता है
हिस्ट्रीसियर की दो कैटेगरी होती है। श्रेणी में चोरी, लूट, धोखाधड़ी से संबंधित अपराध से जुड़े अपराधी होते हैं। वहीं श्रेणी बी में पेशेवर अपराधियों को रखा जाता है। ऐसे अपराधियों पर पुलिस की सतत निगरानी रहेगी।