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(*15*) खेती को विशेष प्रोत्साहन देते हुए कृषि मंत्रालय 30,934 क्लस्टर और 6.19 लाख हेक्टेयर क्षेत्र स्थापित किया है, जिससे 15.47 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं, जो बढ़कर 32384 क्लस्टर हो गए हैं और 6.53 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया है जिससे 16.19 लाख लाभान्वित हुए हैं। किसानों दिसंबर 2022 में।
जनवरी, 2022 तक 11 लाख लघु एवं सीमांत किसानों पार्टिसिपेटरी गारंटी सिस्टम (पीजीएस) प्रमाणन योजना के तहत प्रमाणित किया गया, जबकि दिसंबर तक 13.98 लाख लघु एवं सीमांत किसानों पीजीएस प्रमाणीकरण के तहत प्रमाणित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और झारखंड के किसानों ने नदी जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के साथ-साथ अतिरिक्त आय प्राप्त करने के लिए गंगा नदी के दोनों किनारों पर (*15*) खेती की है।
कृषि मंत्रालय के लिए बजट आवंटन बढ़ाकर रुपये कर दिया गया है। 2022-23 के लिए 1,24,000 करोड़।
मंत्रालय ने कहा कि खाद्यान्न उत्पादन जनवरी 2022 के 308.65 मिलियन टन से बढ़कर दिसंबर 2022 में 315.72 मिलियन टन (चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार) हो गया है, जो अब तक का सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन है।
तीसरे उन्नत अनुमानों के अनुसार, 2020-21 के दौरान बागवानी उत्पादन 331.05 मिलियन मीट्रिक टन था, जो 2021-2 के दौरान बढ़कर 342.33 मिलियन मीट्रिक टन हो गया, जो अब तक का सर्वाधिक है।
मंत्रालय ने दावा किया कि उत्पादन लागत का डेढ़ गुना एमएसपी तय करके सरकार ने सभी अनिवार्य खरीफ, रबी और अन्य वाणिज्यिक फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि की है, जिसमें अखिल भारतीय भारित पर कम से कम 50 प्रतिशत का रिटर्न है। 2018-19 से उत्पादन की औसत लागत।
धान (सामान्य) के लिए MSP जनवरी 2022 में 1,940 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर दिसंबर 2022 में 2,040 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।
गेहूं का एमएसपी जनवरी, 2022 के 2,015 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर दिसंबर, 2022 में 2125 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
–आईएएनएस
मिज/बांह
(बिजनेस स्टैंडर्ड के कर्मचारियों द्वारा इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक और तस्वीर पर फिर से काम किया जा सकता है, बाकी सामग्री सिंडिकेट फीड से स्वत: उत्पन्न होती है।)
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